कुछ भी बर्दाश्त कर लेना, पर ये नहीं || आचार्य प्रशांत (2023)
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 Published On Premiered Oct 21, 2024

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वीडियो जानकारी: 15.10.23, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
~ जीवन का उद्देश्य क्या है?
~ हम तथ्य का दमन क्यों करते है ? दुख को नज़र अंदाज़ क्यों करते है?
~ हमारी अंतिम संभावना क्या है?
~ हर परिस्थिति अवसर क्यों है?
~ इस संसार में मौज क्यों नहीं मारी जा सकती?
~ यहाँ भोग नहीं तो फिर क्या हो सकता है?
~ हमारी शिक्षा हमें हमारी मूल बात क्यों नहीं बताती है?

जैसे पात गिरे तरुवर से, मिलना बहुत दुहेला।
ना जाने किधर गिरेगा, लगया पवन का रेला ॥

जब होवे उमर पूरी, तब छूटेगा हुकुम हुजूरी
यम के दूत बड़े मज़बूत, यम से पड़ा झमेला
~ संत कबीर

ये त्वेतदभ्यसूयन्तो नानुतिष्ठन्ति मे मतम् ।
सर्वज्ञानविमूढांस्तान्विद्धि नष्टानचेतसः ॥
~ श्रीमद्भगवद्गीता-3.32

अहंकार में, अंधकार में, अज्ञान में मतिभ्रष्ट है।
कल उन्हें क्या कष्ट हो, वो आज ही जब नष्ट हैं।
(काव्यात्मक अर्थ)

संगीत: मिलिंद दाते
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