Published On Premiered Oct 3, 2024
छठे नवरात्र की पौराणिक कथा - कात्यायनी माता की कहानी - Katyayani Mata Ki Katha - Navratri ki Story
छठे नवरात्रि के दिन माँ कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ कात्यायनी देवी दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जो अपनी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें हर प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाती हैं। इस दिन भक्त माता की पूजा विधि-विधान से करते हैं और व्रत रखते हैं। माँ कात्यायनी की कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करना चाहिए: सबसे पहले पूजा स्थान को स्वच्छ करें, फिर माता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित कर उनका आवाहन करें। इसके बाद लाल या पीले वस्त्र पहनकर माता को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और पंचामृत अर्पित करें। कात्यायनी स्तोत्र का पाठ करें और अंत में आरती कर प्रसाद बांटें।
यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो इस दिन दूध और फलाहार का सेवन करें। व्रत के नियमों का पालन करते हुए मन में श्रद्धा और भक्ति का संचार करें, जिससे माँ कात्यायनी की कृपा आप पर सदा बनी रहे।
माँ कात्यायनी की कथा, पूजा विधि, व्रत नियम और उनसे जुड़ी मान्यताओं को जानने के लिए हमारे चैनल को देखते रहें। धन्यवाद!
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